सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से दिए आदेश, गोरखपुर के इन दलित बहुल गांवों में बनेंगे सामुदायिक शौचालय

सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से दिए आदेश, गोरखपुर के इन दलित बहुल गांवों में बनेंगे सामुदायिक शौचालय








 







 


गोरखपुर की ऐसी ग्राम पंचायतों जहां अनुसूचित जाति-जनजाति के सर्वाधिक आबादी निवासी करती है लेकिन शौचालय की सुविधा अभी भी उपलब्ध नहीं है। उन ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा की सार्वजनिक भूमि पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा। इन सामुदायिक शौचालयों को ग्राम पंचायत के माध्यम से संचालित किया जाएगा। सरकार ने यह कदम खुले में शौच जाते समय आए दिनों बालिकाओं के साथ छेड़खानी वारदातें को रोकने के लिए उठाया है। 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 फरवरी को वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान गोरखपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में इन सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के निर्देश दिए। उन्होंने कि गांव चिन्हित कर जल्द से जल्द काम शुरू किया जाए। उन्होंने 15 दिन में निर्माण कार्य शुरू कराने के साथ 31 मार्च तक निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए। मार्च माह में सीएम स्वयं प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। 


गोरखपुर जिले की 1352 ग्राम पंचायतों में 306 ग्राम पंचायते ऐसी हैं जिनमें अनुसूचित जाति की आबादी सर्वाधिक है। तकरीबन 91 ग्राम पंचायते ऐसी है जिनमें दलितों की आबादी 1000 से ऊपर की है। ग्राम पंचायत विभाग दलित बहुल 306 गांव में ऐसे गांव की तलाश में जुटा है जहां जमीन के अभाव में दलित परिवारों के पास शौचालय नहीं, वे दूसरों के साथ शौचालय साझा कर रहे, या अब भी खुले में शौच जा रहे हैं। 


सामुदायिक शौचालय के काम्पलेक्स में यह होगा निर्माण
सामुदायिक शौचालय के काम्पलेक्स में महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय एवं मूत्रालय बनाए जाएंगे। प्रत्येक के निर्माण पर 2 लाख रुपये की धनराशि खर्च होगी। निर्माण में 10 फीसदी धनराशि ग्राम पंचायत देगी। इन शौचालयों के रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी। इन ग्राम पंचायतों पर खर्च होने वाली राशि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के उपयोगिता प्रमाण पत्र के बदले मिलने वाली परफारमेंस इंसेन्टिव ग्रांट से किया जाएगा। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत होने वाले शौचालय निर्माण के लिए मिली धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को भेजा जा चुका है।
 
सरकारी निर्माण एजेंसी करेंगी निर्माण
मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायते नहीं बल्कि शासकीय तकनीकी निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग,ग्रामीण अभियंत्रण विभाग सरीखी ऐजेंसी से ही कराया जाएगा। शौचालयों के निर्माण के लिए बकायदा नक्शा भी उपलब्ध कराया गया है जिसके मुताबिक निर्माण कार्य होगा। हालांकि ग्राम पंचायते जमीन उपलब्ध कराने के साथ प्रस्ताव भी देंगी, रखरखाव भी करेंगी। शौचालयों के निर्माण के लिए शासनादेश भी जारी कर किया जा चुका है। 


‘‘सीएम के निर्देश के बाद मानक के मुताबिक दलित बहुत गांव के चयन के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है। जल्द ही प्रस्ताव बना कर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। ’’